Kamdev Churan
कामदेव चूर्ण
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि:
कोंच की गिरी 1 तोला, सफेद मूसली 2 तोला, मंखाने की ठुड्डी (छिलका-रहित) 4 तोला, तालमखाना 4 तोला, मिश्री 5 तोला -सब का महीन चूर्ण कर मिश्री मिला कर काम में लावें ।
मात्रा और अनुपान:
3 से 6 माशा सुबह-शाम गाय के दूध के साथ दें।
गुण और उपयोग:
— आनु. यो.
इसके सेवन से धातु (शुक्र)-विकार, शीघ्रपतन और स्वप्नदोष आदि मिट जाते हैं।
इस चूर्ण का उपयोग धातु (शुक्र) का पतलापन दूर कर उसे गाढ़ा करने के लिए किया जाता है। स्वप्नदोष या अति स्त्री-प्रसंग अथवा अप्राकृतिक ढंग से शुक्र का नाश करने से वीर्य पतला हो जाता है। वीर्य पतला हो जाने से मनुष्य सांसारिक सुख भोगादि से वंचित रह जाता है। ऐसे मनुष्यों को जीवन बेकार-सा प्रतीत होने लगता है। अतः यदि अपने जीवन को आनन्द के साथ बिताना तथा शरीर को बलिष्ठ और सुन्दर बनाना चाहें, तो इस चूर्ण का उपयोग कर लाभ उठायें। शुक्र को गाढ़ा करने के लिये यह बड़ी अच्छी निर्दोष दवा है।
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