Kamalakshadi Churan
कमलाक्षादि चूर्ण
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि:
कमलगट्टा 7 तोला, जायफल 2 तोला, केशर 1 तोला, तेजपात 1 तोला, शतावरी 2 तोला, असगन्ध 2 तोला, सफेद मूसली 2 तोला, बंशलोचन 1 तोला, सालम पंजा 2 तोला, छोटी इलायची के बीज 1 तोला, रूमीमस्तंगी 1 तोला, पीपलामूल 1 तोला, कबाब चीनी 1 तोला, सब को कूट, चूर्ण करके शीशी में भर लें।
— सि. यो. सं.
मात्रा और अनुपान:
3 से 6 माशा चूर्ण को 1 तोला गाय के घी में कुछ भूनकर आधा सेर गाय का दूध और अन्दाज से मिश्री मिला (गरम करके ठण्डा कर) उसके साथ दें।
गुण और उपयोग:
यह चूर्ण पौष्टिक, बलकारक, कामोत्तेजक और उत्साहवर्द्धक है। अधिक वीर्यपात हो जाने से शारीरिक शक्ति का ह्रास हो गया हो, रस-रक्तादि धातुएँ कमजोर हो गयी हों, रक्त की कमी से शरीर दुर्बल तथा कान्तिहीन हो गया हो, ऐसी दशा में इस चूर्ण के सेवन से आशातीत लाभ होता है। विशेषकर जाड़े के समय में इसका सेवन करना बहुत उपयोगी है।