Panchsakar Churan

पंचसकार चूर्ण (विरेचक)
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : सनाय की पत्ती ४ भाग, सोंठ, सौंफ, सेन्धा नमक १-१ भाग और शिवा (घी या एरण्ड तैल में लगाकर सेंकी हुई जौ-हरड़) २ भाग लेकर कूट-कपड़छन कर चूर्ण बनावें। –सि. यो. सं.
मात्रा और अनुपान– २३ से ६ माशे तक अकेला या इसमें १ माशा लवणभास्कर चूर्ण मिला रात को सोते समय गरम दूध या गरम जल के साथ दें। .
गुण और उपयोग-
- यह चूर्ण दस्तावर और अग्नि को प्रदीप्त करने वाला तथा पाचन शंक्ति बढ़ाने वाला है।
- बद्धकोष्ठ (कब्जियत) में विरेचन के लिये इस चूर्ण का उपयोग किया जाता है।
- इसमें सनाय, सोंठ और हें का मिश्रण होने से यह उत्तम विरेचक योग बनता है।
- कब्ज को नष्ट करने के लिए यह उत्तम गुणकारी एवं सुप्रसिद्ध चूर्ण है।