Panchkol Churan

पञ्चकोल चूर्ण
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : पीपल, पीपलामूल, चव्य, चित्रकमूल की छाल, सोंठ-प्रत्येक १-१ भाग लेकर एकत्र कूट-कपड़छन चूर्ण बना सुरक्षित रख लें। –शा. सं. `
मात्रा और अनुपान–१ से ३ माशे तक आवश्यकतानुसार दिन में दो-तीन बार शहद या गरम जल के साथ दें।
गुण और उपयोग–
- यह चूर्ण उत्तम, रुचिकारक एवं दीपन-पाचन है।
- इस चूर्ण के सेवन करने से आनाह (आफरा), प्लीहा-वृद्धि, गुल्म, शूल, कफजन्य व्याधियों एवं उदर रोग नष्ट होते हैं।
- इसके अतिरिक्त यह श्वास-कास, ज्वर और अरुचिनाशक है।