Marichadi Churan
मरीच्यादि चूर्ण
गुण और उपयोग–
- इस चूर्ण के सेवन से खाँसी और श्वास रोग नष्ट होते हैं।
- इस चूर्ण को शहद के साथ खाने के बजाय सूखा ही चूर्ण चुटकी भर में दो-चार बार ` जब खाँसी या श्वास का वेग (दौरा) मालूम पड़े, मुख में डालने से श्वास का दौरा रुक जाता है।
- इसके सेवन से आवाज भी साफ और मधुर होती है।
- प्रतिश्याय में इस चूर्ण को ६ माशा की मात्रा में लेकर आधा सेर पानी में पकावें, आधा पाव पानी बचने पर पीकर, कपड़ा ओढ़कर सो जाने से शरीर में गर्मी बढ़कर कफ को पका देता है। एवं पसीने द्वारा स्रोतों से भी कफ को बाहर निकाल देता है।
मात्रा और अनुपान–१ से २ माशा, सुबह-शाम मधु के साथ ।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि: काली मिर्च का कूट-छान कर किया हुआ महीन चूर्ण और मिश्री या चीनी पीसकर चूर्ण के बराबर मिलाकर रखें। –बृ. नि. र.
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