Madhur Virachan Churan

मधुर विरेचन चूर्ण
गुण ओर उस्योग–
- यह चूर्ण कोष्ठ-शुद्धि के लिए तथा आँव के दस्तो में विशेष गुणकारी है।
- पेचिश की प्रारम्भिक अवस्था में– आव निकलने में बहुत दर्द होता है, आँतों में ऐंठन और दर्द बहुत जोर से होता है, रोगी को कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती, खुलकर आँव भी नहीं निकल पाता, ऐसी दशा में इस चूर्ण के उपयोग से बहुत फायदा होता है।
- यह कोष्ठ -शोधन करता तथा आँव को निकालता है। कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से कल आँव निकल जाता और रोगी भी अच्छा हो जाता है।
मात्रा और अनुपान–३ से ६ माशे, सुबह-शाम जल के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि: मुलेठी २ तोला, सौंफ १ तोला, सनाय ३ तोला, शुद्ध गन्धक १ तोला और मिश्री ६ तोला लेकर सबको एकत्र मिलाकर, कूट -छान चूर्ण बना सुरक्षित रख लें। सि. यो. सं.