Vidangasava / Vidangarist

विडंगासव ( विडंगारिष्ट )
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :
- इसके उपयोग से उदर कृमि, विद्रधि, गुल्म, उरूस्तम्भ, अश्मरी, प्रमेह, प्रत्यष्ठीला, भगन्दर, गण्डमाला, हनुस्तम्भ-इन रोगों को यह शीघ्र नष्ट करता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :-1 तोला से 2 तोला तक, दोनों समय भोजन के बाद, समान भाग जल मिलाकर दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – वायविडंग, पीपलामूल, रास्ना, कुड़ा की छाल, इन्द्रजौ, पाठा, एलबालुक (एलुवा), आँवला–प्रत्येक 20-20 तोला लेकर जौकुट करके 2 मन 22 सेर 32 तोला जल में क्वाथ करें। १2 सेर 4 तोला जल शेष रहने पर ठण्डा करके छान लें। पश्चात उसमें शहद (अभाव में पुराना गुड़) १5 सेर, धाय के फूल 7 सेर, दालचीनी, बड़ी इलायची, तेजपात-ये तीनों द्रव्य मिश्रित 8 तोला, प्रियंगु, कचनार कीं छाल, लोध–प्रत्येक 4-4 तोला, सोंठ, काली मिर्च, पीपल–ये तीनों मिश्रित 32 तोला लेकर जौकुट करके मिलावें। पश्चात् घृतलिप्त पात्र में भर कर 1 माह तक सन्धान करें, एक माह बाद छान कर सुरक्षित रख लें। भै. र.