Krimighan Churan

कृमिघ्न चूर्ण
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि:
ढाक (पलास) के बीज, कुटज (कुडा) की छाल-प्रत्येक एक-एक छटाँक, वायविडंग आधा पाव। इन तीनों को एकत्र कूट-छान चूर्ण बना कर रख लें।
मात्रा और अनुपान
3-6 माशा सुबह-शाम गर्म जल के साथ दें।
गुण और उपयोग
– रसा. सा.
इस चूर्ण के सेवन करने से पेट के कीड़े, दस्त की कब्जियत, जी मिचलाना आदि उपद्रव
नष्ट होते हैं
नोट
इस चूर्ण के सेवन करने से करीब 2-3 घण्टा पहले 2 तोला गुड़ खा लेना चाहिए, जिससे पेट के सब कीड़े एक जगह इकट्ठे हो जायँ। बाद में इस चूर्ण का सेवन करें। इससे दस्त के साथ सब कीड़े मर कर निकल जाते हैं।