Dadim Avleh
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दाड़िमावलेह
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- इस अवलेह का प्रयोग करने से समस्त प्रकार के पित्त विकार, दाह, अम्लपित्त, क्षय, रक्तपित्त, प्यास, अतिसार, संग्रहणी, कमजोरी, नेत्ररोग, शिरोरोग, लू लगना, धातुस्राव, अरुचि आदि विकारों को नष्ट करता है ।
- मस्तिष्क एवं हृदय को बल देता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 6 माशे से १ तोला तक आवश्यकतानुसार दिन में दो-तीन बार जल के साथ दें अथवा अनेक औँषधों के अनुपान के रूप में भी इसका प्रचुर प्रयोग किया जाता है!
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – चीनी 10 सेर, जल 4 सेर लेकर इनको कलईदार कडाही में एकत्र मिला, अग्नि पर चढाकर 1300 स्पेसिफिक ग्रेविटी की चाशनी बनावें, जब चाशनी तैयार हो जाय, तब उसमें ऊपर ही अनार का रस 10 छटाँक और जायफल, जावित्री, काली मिर्च, तेजपात, दालचीनी, लौंग, सोंठ, पीपल-्रत्येक द्रव्य 3-3 माशे लेकर इनका सूक्ष्म चूर्ण करके डालें। पश्चात् 1250 स्पेसिफिक ग्रेविटी की चाशनी होने पर नीचे उतार लें और शीतल होने पर एसेन्स पोमेग्रेनेट (अनार) एक ड्राम, ग्लिसरीन 72 -औंस और लिक्विड रेड कलर (खाने का) एक ड्राम डालकर भलीभाँति मिला दें और कपड़े से छान कर शीशियों में भर कर सुरक्षित रख लें।
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