Kalyan Avleh

Kalyan Avleh

कल्याणावलेह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इस योग का पथ्यपूर्वक 21 दिन तक सेवन करने सें मनुष्य श्रुतिधर (सुनकर ही बातों का स्मरण रखने वाला) हो जाता है। बादल तथा दुन्दुभी के समान गर्जन करने वाला एवं मत्त कोकिल के समान स्वर वाला हो जाता है। इसके अतिरिक्त जड़ता, गद्गद और मूकत्व रोग…

Kantkari Avleh

Kantkari Avleh

कंटकार्यवलेह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसके सेवन से श्वास, कास, हिचकी, कफ का छाती में जम जाना आदि रोग नष्ट होते हैं। इसका उपयोग विशेष कर खाँसी और श्वास-रोग में किया जाता है। खाँसी चाहे सूखी या गीली जैसी भी हो, दोनों में लाभ करता है। सूखी खाँसी में छाती में जमे…

Erend Pak

Erend Pak

एरण्ड पाक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसके सेवन से लकवा, पंगुवात, आमवात, ऊरुस्तम्भ, शिरागत वायु, कटिवात, बस्तिवात, कोष्ठगतवात, वृषणवृद्धि, सूजन, उदरशूल, अपेण्डिसाइटिस आदि रोग नष्ट होते हैं। यह पाक सारक और वातनाशक दवाओं में अपना प्रधान स्थान रखता है। कमजोर मनुष्यों की शक्ति बढ़ाने के लिये इसकां सेवन करना बहुत लाभदायक है।…

Aawla Murabba

Aawla Murabba

आँवला-मुरब्बा गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- यह मुरब्बा अत्यन्त स्वादिष्ट और पित्तशामक है। इसके उपयोग से दाह, सिर-दर्द, पित्त कोप, चक्कर, नेत्र-जलन, बद्धकोष्ठ, अर्श, रक्तविकार, त्वचा दोष, प्रमेह और वीर्य के विकार नष्ट होते हैं। यह पित्तवृद्धि को शमन करता और शरीर को बलवान बनाता है। प्रवाल भस्म (चन्द्रपुटित) या मोती पिष्टी के…

Argwadh Avleh

Argwadh Avleh

आरग्बधावलेह ( अमलतास की स्वादिष्ट चटनी)  गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इनका प्रयोग करने से दस्त साफ होता है। जिनको बदहजमी (अजीर्ण) के कारण कब्जियत (मलावरोध) रहता हो, उनके लिए यह उत्तम कोटि की श्रेष्ठ औषध है। यह औषधि उत्तम अग्निप्रदीपक, वातानुलोमक और मृदुसारक है। मात्रा और अनुपान  (Dose and Anupan)  :-  6 माशे…

Adrak Pak

Adrak Pak

आर्द्रक पाक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसके सेवन से श्वास, कास, स्वरभंग, अरुचि, स्मरण-शक्ति की कमी, सूजन, ग्रहणी, शूल, आनाह, उदररोग, गुल्म आदि रोग न्ट होते हैं। वात और कफ प्रधान रोगों में इस पाक के उपयोग से अच्छा लाभ होता है। यह कफघ्न है, अतएव श्वास, कास, स्वरभंग आदि रोगों में…

Aamra Pak

Aamra Pak

आम्र पाक भा. प्र. गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- यहं अत्यन्त बाजीकरण, पौष्टिक, बलदायक, ग्रहणी, क्षय, श्वास, अम्लपित्त, अरुचि, रक्तपित्त और पाण्डुरोग-नाशक है। केवल आम का ही रस यदि गोदुग्ध के साथ क्षय, संग्रहणी, श्वास, रक्तपित्त, वीर्यविकार आदि वाले रोगी को सेवन कराया जाय तो आशातीत लाभ होता है। इन रोगों में आम्रपाक…

Amlakiadi Avleh

Amlakiadi Avleh

आमलक्याद्यवलेह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसका उपयोग पाण्डु और कामला रोग में विशेष किया जाता है। पाण्डु रोग में यह बहुत ही लाभ करता है। इसमें आमले का स्वरस विशेष होने से यह रक्त कणों की “वृद्धि कर पांडु रोग नष्ट करता है। रक्तपित्त, पित्तविकार, अम्लपित्त, अन्तर्दाह, बाह्यदाह, प्यास की अधिकता हृदय…

Astang Avleh

Astang Avleh

अष्टाङ्गावलेह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसका उपयोग कफजनित रोगों में विशेष किया जाता है। जैसे-कफज्वर में खाँसी, श्वास अधिक होने पर या कफ छाती में बैठ गया हो, किन्तु निकलता न हो तो उस हालत में भी कफ निकालने के लिए इसे देते हैं। न्यूमोनिया आदि रोगों में भी कफ न निकलने पर…

Ashavgandha Pak

Ashavgandha Pak

अश्वगन्धा पाक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसके सेवन से प्रमेह रोग नष्ट होता है, मूत्र की वृद्धि होती तथा शारीरिक कान्ति अच्छी बन जाती है। यह पौष्टिक, बलवर्द्धक तथा अग्नि-प्रदीपक है। वात-पित्त प्रधान रोगों में इसका उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। शुक्र विकार-जैसे धातु की कमजोरी, स्वप्नदोष हो जाना, पेशाब के…

Amalpitthar Pak

Amalpitthar Pak

अम्लपित्तहर पाक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इसके सेवन से अम्लपित्त, अरुचि, शूल, हृद्रोग, वमन, कण्ठदाह, हृदय की जलन, सिर-दर्द आदि रोग नष्ट होते हैं, तथा यह बलवर्द्धक और पौष्टिक भी है। अभ्रकभस्म और लौहभस्म का सम्मिश्रण होने से यह अम्लपित्त में विशेष गुण करता है। अभ्रकभस्म अम्लपित्त के लिए महौषध है। मात्रा…

Amritbhallatak

Amritbhallatak

अमृतभल्लातक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- समस्त प्रकार के कफ और वातरोगों में विशेषतः जीर्ण प्रतिश्याय, पक्षाघात और कमर के दर्द में इसका उत्तम उपयोग होता है। यह योग उत्तम रसायन में वीर्यवर्द्धक और बाजीकरण है। इसका सेवन करने वाले मनुष्य को गरम भोजन, अधिक गरम जल से स्नान, धूप में बैठना या…