Aamra Pak

आम्र पाक
भा. प्र.
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- यहं अत्यन्त बाजीकरण, पौष्टिक, बलदायक, ग्रहणी, क्षय, श्वास, अम्लपित्त, अरुचि, रक्तपित्त और पाण्डुरोग-नाशक है।
- केवल आम का ही रस यदि गोदुग्ध के साथ क्षय, संग्रहणी, श्वास, रक्तपित्त, वीर्यविकार आदि वाले रोगी को सेवन कराया जाय तो आशातीत लाभ होता है। इन रोगों में आम्रपाक से भी बहुत लाभ होते देखा गया है। कारण उत्तम जाति के आम के पके हुए रस में मनुष्य का पोषण करने वाले प्रायः सभी तत्व विद्यमान रहते हैं।
- इसके मीठे रस में विटामिन ‘ए’ और सी” दोनों प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
- इनमें से विटामिन ‘ए’ रोगी को जहर के विषों और कीटाणुओं के प्रभाव से बचाता है, और विटामिन “सी” चर्म रोगों को नष्टै करता है। |
- दूध के साथ इस पाक को खाने से पौष्टिक और बलवर्धक गुणों में बहुत वृद्धि हो जाती है।
- यह पाक मृदुरेचक होने से दस्त भी साफ लाता है। अतः जिन लोगों को दस्त में कब्जियत रहती है, उनके लिये यह रेचक का भी काम करता है।
- आमाशय-सम्बन्धी रोगों में भी इससे लाभ होता है, अतएव संग्रहणी आदि रोगों में इसका उपयोग किया जाता है।
- यह रक्त, वीर्य, मांस आदि धातुओं को बढ़ाता है।
- वीर्यवर्द्ध होने के कारण शुक्र-विकार वाले रोगी भी इससे लाभ उठाते हैं। शुक्र विकारवाले रोगी को प्रायः दस्त का कब्ज और शरीर में रक्त की कमी ये शिकायतें बनी ही रहती हैं। इन दोनों विकारों को दूर करने के लिये आम्रपाक का सेवन सर्वोत्तम है।
- अल्प शुक्र वाले व्यक्तियों को इसके सेवन से शुक्र की वृद्धि होकर कामशक्ति जागृत होती है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- इसे भोजन के पहले 2 तोला से 4 तोला तक गोदुग्ध या जल के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – पके आमों का रस 1024 तोला, चीनी 256 तोला, घृत 64 तोला, सोंठ 32 तोला काली मिर्च 26 तोला, पीपल 8 तोला और जल 256 तोला लें। चूर्ण करने योग्य औषधियों का चूर्ण करके सबको एकत्र मिला, मिट्टी के बर्तन में पकावें और लकड़ी की कलली से चलाते रहें। जब गाढ़ा हो जाय तब उतार कर निम्नलिखित चूर्ण मिला दें।धनियाँ, जीरा, हरे, नागरमोथा, चीता, दालचीनी, जीरा, पीपलामूल, नागकेशर, छोटी इलायची, लवंग और जायफल–प्रत्येक 4-4 तोला लेकर, इनको कूट-कपड़छन चूर्ण बना मिला दें, पाक जब ठण्डा हो जाय, तब शहद 32 तोला मिलाकर सुरक्षित रख लें।