Adrak Pak

आर्द्रक पाक
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- इसके सेवन से श्वास, कास, स्वरभंग, अरुचि, स्मरण-शक्ति की कमी, सूजन, ग्रहणी, शूल, आनाह, उदररोग, गुल्म आदि रोग न्ट होते हैं।
- वात और कफ प्रधान रोगों में इस पाक के उपयोग से अच्छा लाभ होता है।
- यह कफघ्न है, अतएव श्वास, कास, स्वरभंग आदि रोगों में कफ-विकार दूर करने तथा श्वास नली को साफ करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- अन्नादिक से अरुचि होने पर अदरख और सेंधा नमक मिलाकर भोजन से पूर्व 4-5 टुकड़े खा लेने की प्राचीन प्रथा है। आज भी बहुत लोग इस प्रथा को पालते हैं और तदनुसार इससे लाभ उठाते हैं, ऐसी दशा में अदरक-पाक खाने से पूर्ण लाभ होता है।
- वातघ्न होने के कारण पेट का दर्द या शरीर के किसी अंग में दर्द होने पर इस पाक के सेवन से बहुत लाभ होता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1 तोला से 2 तोला तक, सुबह-शाम उच्तित अनुपान के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – अदरक के छिले हुए छोटे-छोटे टुकड़े आधा सेर, गुड़ आधा सेर और घी आधा पाव भर लें। प्रथम अदरख को घी में लाल होने तक खूब भूनें, फिर गुड़ की चाशनी बना उसमें अदरक के टुकड़े मिलाकर इन दवाओं का चूर्ण मिलावें। सोंठ, जीरा, काली मिर्च, नागकेशर, जावित्री, इलायची, दालचीनी, तेजपत्र, पीपल, धनियाँ, काला जीरा, पीपलामूल और वायविडंग-प्रत्येक 6-6 माशे लेकर कपड़छन चूर्ण बना, उपरोक्त पाक में मिलाकर सुरक्षित रख लें! | भा. भै. र. वक्तव्य : ग्रन्थ के मूलपाठ में द्रव्यों के वजन का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। सुविधा के लिये हमने अनुपाने के आधार पर द्रव्यों का परिमाण निश्चित किया है।