Astang Avleh

अष्टाङ्गावलेह
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- इसका उपयोग कफजनित रोगों में विशेष किया जाता है। जैसे-कफज्वर में खाँसी, श्वास अधिक होने पर या कफ छाती में बैठ गया हो, किन्तु निकलता न हो तो उस हालत में भी कफ निकालने के लिए इसे देते हैं।
- न्यूमोनिया आदि रोगों में भी कफ न निकलने पर खाँसी होने से भयंकर कष्ट होता है। ऐसी दशा में इस अवलेह से कफ सरलता से निकल जाता है और रोगी को आराम भी मिलता है।
- खाँसी सूखी हो तो इसमें एक भाग यवक्षार मिलाकर सेवन करने से कफ को पिघलाकर निकाल देता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1-2 माशा सुबह-शाम सेवन करें। कफाधिक्य में अदरख रस के साथ तथा पित्ताधिक्य में दूध के अनुपान से दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – जायफल, पुष्करमूल, काकड़ासिंगी, त्रिकुटा, घमासा, काला जीरा–प्रत्येक समान भाग लेकर कूट-कपड़छन चूर्ण बना कर रख दें। इस चूर्ण को शहद मिलाकर चाटें। –यो. र.