Amalpitantak Loh

अम्लपित्तान्तक लौह
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- इस औषध के सेवन से समस्त प्रकार के अम्लपित्त रोग नष्ट होते हैं तथा समस्त प्रकार के शूल रोगों को नष्ट करने के लिए परम गुणकारी औषध है।
- यकृत् और पित्ताशय की विकृति नष्ट करके पित्त की विदग्धता को नष्ट करना इस औषध का प्रधान कार्य है।
- अम्लपित्त-सम्बन्धी शूल तथा अन्य पित्तविकारों में भी इससे अच्छा लाभ होता है।
- इसके अतिरिक्त यकृत् शूल, तृष्णा, मूत्रदाह, उदर-शूल, पतले दस्त होना, बच्चों को दूध की उल्टी होना और गर्भवती स्त्रियों को वमन होना आदि विकार भी इसके सेवन से नष्ट होते हैं।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1-2 गोली धनियाँ और हरड़ तथा सौंफ के क्वाथ के साथ अथवा रोगानुसार अनुपान के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – शुद्ध पारद, शुद्ध गन्धक, मण्डूर भस्म, कान्तलौह भस्म, अभ्रक भस्म-प्रत्येक ।- | भाग लेकर प्रथम पारा-गन्धक की कज्जली बनावे, पश्चात् अन्य भस्में मिला, आँवला-स्वरस. है” या क्वाथ की भावना देकर मर्दन करें, गोली बनाने योग्य होने पर 2-2 रत्ती की गोलियाँ
बनाकर सुरक्षित रख लें। | -भै.र.