Ashtdashang Loh

अष्टादशांग लौह
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- यह मण्डूर पीलिया (कामला), हलीमक और शोथ (सूजन) आदि की अमोघ दवा है।
- अनेक कटु-तिक्त औषधियों के साथ लौह का संयोग होने से श्वास, खाँसी, रक्तपित्त, अर्श (बवासीर), संग्रहणी, आमवात, रक्त विकार, कुष्ठ और कफ के रोग भी नष्ट होते हैं।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1- 1गोली सुबह-शाम छाछ के साथ सेवन करें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – चिरायता, देवदारु, दारुहल्दी, नागरमोथा, गिलोय, कुटकी, पटोलपत्र, जवासा, पित्तपापड़ा, नीम की छाल, सोंठ, पीपल, मिर्च, चित्रक, हरड, बहेड़ा, आँवला और वायविडंग सब समान भाग लेकर कूट-कपड़छन कर महीन चूर्ण बना लें। इन सबके समान भाग लौहभस्म मिला घी और शहद के साथ 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना सुखा कर रख लें।
वक्तव्य मधु और घृत के योग से अच्छी गोलियाँ बनना सम्भव नहीं है। अतः जल से मर्दन कर गोलियाँ बनावें तथा सेवन कराते समय अनुपान में मधु और घृत विषम मात्रा में मिलाकर दें।