Shilajitavadi Loh
शिलाजत्वादि लौह
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- इस लौह का उपयोग करने से समस्त प्रकार के राजयक्ष्मा रोग नष्ट होते हैं और रक्त क्षय, रक्ताल्पता (एनीमिया), जीर्णज्चर, पाण्डुरोग, रक्तपित्त, क्षय, काम, प्रमेह इनको नष्ट करता है।
- शरीर में रक्ताणुओं की वृद्धि कर नवीन रक्त को उत्पन्न करता है।
- बल, वर्ण और आयुवरद्धक उत्तम रसायन एवं बाजीकरण है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 2-2 सत्ती सुबह-शाम दूध के साथ या रोगानुसार उचित अनुपान के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – शुद्ध शिलाजीत, मुलैठी, सोंठ, मिर्च, पीपल, स्वर्णमाक्षिक भस्म-ये प्रत्येक द्रव्य 1-1 भाग, लौह भस्म सबके बराबर (6 भाग) लेकर प्रथम काष्ठौषधियों का कपड़छन चूर्ण करें, पश्चात् शिलाजीत और भस्में मिला, जल के साथ मर्दन कर 2-2 रत्ती की गोली बना सुखाकर सुरक्षित रखें। —भै. र.
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