Vidariadi Churan
विदार्यादि चूर्ण
गण और उपयोग-–
- इस चूर्ण क सवन से वीय-र्वाद, स्तम्भन तथा कामोत्तेजना होती हे।
- यह उत्तम पौष्टिक एवं बलवीयंवद्धक योग हे।
- जिन लोगों का वीयं के पतलेपन की अथवा शीघ्रपतन की शिकायत हो, उनका इसका सेवन कुछ समय निर्यामत रूप से करने पर बहत लाभ होता है।
- यह चरण गरूपाकी अथांत दर स हजम हानवाला है। अतएव, मन्दाँग्न वाल रोगी या जो अधिक कमजोर हां उन्हें इस दवा का सेवन कम मात्रा मं करना चाहए।
- वीयं विकार अथात जिसका वीर्य पतला हा गया हा अथवा जो लोग स्त्री-प्रसंग के समय तरन्त स्खलित हो जात हों, जिनकी ‘शुक्रवाहिनी [शरा कमजोर हा गयी हा, एस रोगियों क लिए यह चूण बहुत लाभदायक है।
मात्रा ओर अनुपान– ३-३ माशा, सुबह-शाम भाजन क तीन घण्टे पहल गाय के गरम दूध के साथ सेवन करें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि: विदारीकन्द, सफेद मूसली, सालमपंजा, असगन्ध, गोखरू, अकरकरा-प्रत्येक समभाग लें, कपड़छन चूर्ण करके शीशी मं भर लं। -सि. यो. स.
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