Ashokarist

Ashokarist

अशोकारिष्ट गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- स्त्रियों को होनेवाले प्रमुख रोग यथा–रक्त-शवेत प्रदर, पीड़ितार्तव, पाण्डु, गर्भाशय व योनि भ्रंश, डिम्बकोष प्रदाह, हिस्टीरिया, वन्ध्यापन तथा ज्वर, रक्तपित्त, अर्श, मन्दाग्नि, सूजन, अरुचि इत्यादि रोगों को नष्ट करता है। अशोकारिष्ट में अशोक की छाल की ही प्रधानता है। अशोक की कई जातियां होती हैं। इनमें एक…

Sobhagye Sunthi Pak

Sobhagye Sunthi Pak

सौभाग्य शुण्ठीपाक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इस पाक का प्रयोग करने से बल और वायु की वृद्धि होती है, वर्ण को सुन्दर बनाता है, उत्तम पुष्टिकारक है। वली-पलित विकार को नष्ट करता है। यह पाक अत्यन्त वृष्य और रसायन है, स्त्रियों के लिए अमृत-तुल्य लाभकारी है। इसके सेवन से योनिविकार, प्रदर, कष्टातव…

Supari Pak

Supari Pak

सुपारी पाक गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- यह पाक अत्यन्त बाजीकरण और पुष्टिकारक है। इसके सेवन से स्त्रियों की योनि से होनेवाले नाना प्रकार के खाव (प्रदर) नष्ट होते हैं और स्त्री तथा पुरुष दोनों के बन्ध्यत्व दोष को नष्ट करके उन्‍हें सन्तानोत्पत्ति योग्य बना देता है। पुरुषों के शीघ्रपतन और शुक्रमेह रोग…

Jeerakadi Avleh

Jeerakadi Avleh

जीरकादि अवलेह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- प्रमेह, प्रदर, ज्वर, निर्बलता, अरुचि, श्वास, तृषा, दाह और क्षय का नाश करता है। पुराने प्रदर रोग में इसका उपयोग विशेष किया जाता है। यदि रोग से पीड़ित स्त्री की अग्नि मन्द हो जाती है, कमजोरी, रक्त की कमी, पित्तवृद्धि स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाना, किसी काम…

Pardarantak Loh

Pardarantak Loh

प्रदरान्तक लौह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- यह रक्त और श्वेतप्रदर, कुक्षि, कटि और योनि-शूल, अरुचि, मन्दाग्नि आदि को नष्ट कर मासिक धर्म नियमित एवं साफ लाती है। पुराने एवं कष्टसाध्य प्रदर भी इसके सेवन से नष्ट हो जाते हैं। गर्भाशय एवं बीज-कोष की शिथिलता में इसका उपयोग करने से बहुत लाभ होता है।…