Supari Pak

सुपारी पाक
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- यह पाक अत्यन्त बाजीकरण और पुष्टिकारक है।
- इसके सेवन से स्त्रियों की योनि से होनेवाले नाना प्रकार के खाव (प्रदर) नष्ट होते हैं और स्त्री तथा पुरुष दोनों के बन्ध्यत्व दोष को नष्ट करके उन्हें सन्तानोत्पत्ति योग्य बना देता है।
- पुरुषों के शीघ्रपतन और शुक्रमेह रोग में अत्यन्त गुणकारी है।
- यकृत् की दुर्बलता को नष्ट कर पाचन-शक्ति की वृद्धि करता है।
- गर्भाशय की शक्ति देता है और योनि को संकुचित करता है।
- विशेषतया प्रसूता स्त्रियों के लिये अतिशय गुणकारी है।
- इसके सेबन से प्रौढ़ स्त्री भी कान्ति और लावण्ययुक्त होकर नवयुवती जैसी हो जाती है।
- प्रदर रोग के कारण प्रायः स्त्रियों का स्वास्थ्य खराब रहता है, कमर, पीठ, गर्दन और सिर में दर्द रहना, सिर भारी रहना, हाथ-पैरों में दर्द तथा हड़फूटन रहना, किसी काम में मन न लगना, चिन्ता और भ्रम बना रहना, आलस्य और अशक्तता के कारण शरीर कृश और मुझाया हुआ-सा एवं कान्तिहीन रहना आदि लक्षण रहते हैं।
- युवावस्था में ही वृद्धा जैसी दीखने लगती है। ऐसी स्थिति में सुपारी पाक का कुछ समय तक निरन्तर सेवन करने से प्रदर रोग नष्ट होकर, उपरोक्त सभी लक्षण मिट जाते हैं, शरीर में स्फूर्ति एवं बल-वर्ण तथा कान्ति बढ़कर नवयुवती-तुल्य हो जाती है। वास्तव में यह औषध महिलाओं के लिए दैविक वरदान स्वरूप अमृततुल्य गुण करती है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1-2 तोला तक सुबह-शाम गोदुग्ध के साथ सेवन करें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – कपूर 3 माशा, तज, तेजपात, नागरमोथा, सूखा पुदीना, पीपल, खुरासानी अजवायन, छोटी इलायची–प्रत्येक 3 -3 माशे, तालीशपत्र (जनरव), वंशलोचन, जावित्री, श्वेत चन्दन, काली मिर्च, जायफल–प्रत्येक 5-5 माशे, सफेद जीरा 7 माशा, विनौले की गिरी, लौंग, सूखा धनियाँ, पीपला मूल–प्रत्येक । तोला 2 माशा, नीलोफर का फूल 9 माशा, सूखा सिंधाड़ा, शतावर, नागकेशर–प्रत्येक 3 -3 तोला, खिरनी के बीज 4 तोला माशा, बादाम की गिरी, पिस्ता की गिरी, मुनक्का बीज रहित–प्रत्येक 5-5 तोला, सुपारी 7 सेर, चीनी सेर, मधु 7 सेर, गोघृत आधा सेर लें। प्रथम मुनक्का को सिल पर पीस लें, सुपारी का सूक्ष्म चूर्ण करके गोघृत में डालकर मन्द आँच पर भून लें और चीनी तथा मधु के अतिरिक्त शेष समस्त द्रव्यों का सूक्ष्म चूर्ण बना लें और उस चूर्ण को भी थोड़े-से गोधृत में मंद अग्नि पर भून लें। पश्चात् चीनी और मधु की चाशनी बनाकर, उपरोक्त समस्त द्रव्य डालकर, अच्छी तरह मिला दें और बरफी जमाकर, काटकर के सुरक्षित रख लें अथवा चाशनी को बूरा बनाने जैसी गाढ़ी बनाकर, उसमें सब समान को मिलाकर, उतार करके ठण्डा होने पर बूरा की तरह कूटकर, छान करके रख लें। इस प्रकार, चूर्ण रूप में बनाया हुआ सुपारी पाक अधिक समय तक टिकाऊ रहता है एवं इसे चूर्ण की तरह ही सेवन करने में भी बड़ी आसानी रहती है। यू. सि. यो. सं. से किंचित् परिवर्तित