Eladi vati
एलादि बटी:(Eladi vati)
मुख्य सामग्री:
- छोटी इलायची
- तेजपात
- दालचीनी
- पीपल
- मिश्री
- मुलेठी
- पिण्ड खजूर
- मुनक्का
- पिण्ड खजूर
- समान भाग लेकर पानी में खरल करके मूँग के बराबर गोलियाँ बना रख लें। छाया में सुखाकर रख लें।
बनाने की विधि :
- पीस कर उसमें अन्य दवाओं का कपड़छन चूर्ण मिलाकर सबको शहद में मिला, छोटे बेर के बराबर गोलियाँ बना कर रख लें।
- छोटी इलायची, तेजपात, दालचीनी-प्रत्येक 6-6 माशा, पीपल 2 तोला, मिश्री, मुलेठी, पिण्ड खजूर, मुनक्का 4-4 तोला। प्रथम मुनक्का और पिण्ड खजूर को खूब महीन पीस कर उसमें अन्य दवाओं का कपड़छन चूर्ण मिलाकर सबको शहद में मिला, छोटे बेर के बराबर गोलियाँ बना कर रख लें।
मात्रा और अनुप:
1 से 4 गोली दिन भर में चूसें या दूध के साथ लें।
गुण और उपयोग:
- इस गोली से सूखी खाँसी, क्षय की खाँसी, रक्तपित्त, मुँह से खून गिरना, बुखार, वमन, मूर्च्छा, प्यास, जी घबराना, स्वरभेद और पित्त के विकारों में बहुत लाभ होता है।
- यह पित्त-शामक और कफदोष दूर करनेवाली है।
- सूखी खाँसी में कफ बैठ कर छाती में चिपका हुआ रहता है; जिससे श्वास लेने अथवा खाँसी आने पर विशेष तकलीफ होती है।
- खाँसी में कफ नहीं निकलने से छाती और सिर में दर्द करने लगता है।
- कभी-कभी तो रक्त भी आना शुरू हो जाता है।
- ऐसी अवस्था में इस गोली से बहुत फायदा होता है।
- यह पित्त को शमन कर, कफ को पिघला करके बाहर निकाल देता तथा इसके सेवन से एक तरह की तरी बनी रहती है, जिसकी
- वजह से खाँसी नहीं आती है।
- इस गोली को चूसने से ही विशेष लाभ होता है।