Kutajghan vati
कुटजघन बटी:(Kutajghan vati)
मुख्य सामग्री:
- कुड़ा के मूल की या वृक्ष की ताजी हरी छाल
- अतीस का चूर्ण
समान भाग लेकर पानी में खरल करके मूँग के बराबर गोलियाँ बना रख लें। छाया में सुखाकर रख लें।
बनाने की विधि :
- कुड़ा के मूल की या वृक्ष की ताजी हरी छाल ला, उसको जल से धोकर जौकुट कर 16 गुने जल में पकावें।
- जब आठवाँ हिस्सा जल बाकी रहे, तब उसको नीचे उतार कर ठण्डा होने पर स्वच्छ और मजबूत कपड़े से छान लें। फिर प्रारम्भ में मध्यम और पीछे मन्द आँच पर पकावें और लकड़ी के कोंचे से चलाते रहें, जब क्वाथ गाढ़ा होकर कोंचे (लकड़ी) में लगने
लगे तब नीचे उतार कर सूर्य की धूप में गाढ़ा ही तब तक सुखावें पीछे उसमें अतीस का चूर्ण गोली बनने योग्य मिला, 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना, सुखा कर रख लें।
मात्रा और अनुपान:
2-4 गोली दिन में 3-4 बार उण्डे जल के अनुपान से दें।
गुण और उपयोग:
- अतिसार
- ग्रहणी
- ज्वर में जब पतले दस्त आते हों, तब इसके उपयोग से अच्छा लाभ होता है।