Drakshadi Gutika(द्राक्षादि गुटिका)
द्राक्षादि गुटिका
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : धोकर, बीज निकाला हुआ मुनक्का और हरें के छिलके का चूर्ण दोनों समभाग लेकर ,इससे दूनी. शक्कर मिला, सबको एकत्र कर ।-१ माशा की गोलियाँ बना लें। –सि. यो. सं. ।
मात्रा और अनुपान : 3-4 गोली सुबह-शाम शीतल जल के साथ दें।
गुण और उपयोग :
- यह बटी पित्त और वात-शामक है।
- प्रकुपित पित्त के कारण उत्पन्न हुए रोगां में इसका उपयोग किया जाता है।
- यह अम्लपित्त, कण्ठ और हृदय का दाह, तृष्णा, मूर्च्छा, भ्रम मन्दाग्नि और आमवातनाशक है।
- रात को सोते समय गरम दूध के साथ 4 गोली सेवन करने से प्रातः दस्त हो कर तबियत हल्की हो जाती है।
- प्राकृतिक केब्ज के रोगियों के लिये नित्य सेवन करने योग्य उत्तम निर्दोष औषधि है।