Karpuradi Vati
कर्पूरादि बटी(Karpuradi Vati)
मुख्य सामग्री:
- कपूर 2 तोला
- जायफल
- सुपारी
- लौंग
- छोटी इलायची के बीज
- कबाब चीनी
- शुद्ध टंकण
- शुद्ध फिटकरी
- मिश्री – प्रत्येक 1-1 तोला।
- समान भाग लेकर पानी में खरल करके मूँग के बराबर गोलियाँ बना रख लें। छाया में सुखाकर रख लें।
- कत्था 3 तोला लेकर सब द्रव्यों को कूटकर कपड़छन चूर्ण करें। पश्चात् त्रिफला क्वाथ, बबूल की छाल का क्वाथ, गूलर के पत्ते का क्वाथ – इनकी पृथक्-पृथक् एक-एक भावना देकर मर्दन करें। गोली बनने योग्य होने पर
2- 2 रत्ती की गोलियाँ बना, छाया में सुखाकर रख लें।
मात्रा और अनुपान:
1-1 गोली दिन में 5-6 बार मुख में रख कर अकेले ही या मिश्री के टुकड़ों के साथ चूसें।
गुण और उपयोग:
- इस बटी को मुख में रख कर इसका रस चूसने से मुँह में छाले पड़ना (मुँह आ जाना),
- मुँह से बदबू आना, दाँतों से पीब निकलना और दन्तवेष्ट रोग (पायरिया) आदि मुख के रोगों
और गले के रोगों को शीघ्र नष्ट करती है। - जिह्वागत रोग, जिह्वा लाल हो जाना, फट जाना, जड़ता रहना — इनमें शीघ्र लाभ करती है।
- शुष्क कास रोग में मिश्री के टुकड़ों के साथ चूसने से गला साफ होकर शीघ्र ही लाभ होता है।