Plihari Vati(प्लीहारि बटी)
प्लीहारि बटी
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि :
एलुवा, अभ्रक भस्म, कसीस और शुद्ध लहसुन–प्रत्येक समान भाग लेकर सबको तीन पहर गूमा के रस में घोंट कर 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना कर रख लें। —-भै. र.
मात्रा और अनुपान : १ से 4 गोली दिन में दो बार गरम जल के साथ दें।
गुण और उपयोग :
- प्लीहा (तिल्ली) के लिए यह अच्छी दवा है।
- इसके सेवन से पेट की बढ़ी हुई तिल्ली कट जाती है और तिल्ली के बढ़ जाने से होने वाले ज्वर, खाँसी, सूजन तथा मन्दाग्नि आदि रोग भी अच्छे हो जाते हैं।
- यकृत् विकार (लीवर का बढ़ कर आपने कार्य में असमर्थ हो जाना), गुल्म, मन्दाग्नि, सूजन आदि में भी यह औषध फायदेमन्द है।