Panchamrit Loh Guggulu(पञ्चामृत लौह गुग्गुलु)
पञ्चामृत लौह गुग्गुलु
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : शुद्ध पारा, शुद्ध गन्धक, रौप्य भस्म, अभ्रक भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म प्रत्येक 4-4 तोला, लौह भस्म 8 तोला, शुद्ध गुग्गुलु 28 तोला लें। प्रथम पारा-गन्धक की कज्जली करें, पीछे गुग्गुलु को लोहे की खरल में मसली से थोड़े कडुवे तैल के छींटे देकर कूटें। जब गुग्गुलु नरम हो जाय तब उसमें कज्जली तथा अन्य भस्म मिलाकर 6 घण्टा मर्दन कर 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना, रख लें। भै. र., सि. यो. सं
मात्रा और अनुपान: १-1 गोली सुबह-शाम दूध से अथवा चोपचीनी, असगंध, एरण्डमूल, उशबा, सोंठ और कडुवे सुरंजान के क्वाथ से दें।
गुण और उपयोग:
- गृघ्रसी, अपबाहुक, कमर और घुटने का दर्द तथा स्नायुओं में होने वाले वात विकार में यह अच्छा काम करता है।
- स्नायु-दौर्बल्य, मस्तिष्क की कमजोरी और उसके कारण होने वाला सिर-दर्द, आनिद्रा, मन्दाग्नि, पाण्डु रोग, उदरवात आदि विकारों में बहुत अच्छा. लाभ होता है।
- रस-रक्तादि धातुओं की शुद्धि हो कर शरीर को बल-वर्ण और कान्तियुक्त बनाता है।