Haritikiadi Guggulu
हरीतक्यादि गुग्गुलु
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि: हरे, सोंठ और विधारे की जड़ का चूर्ण 7-7 तोला लेकर सबको 6 तोला, गुग्गुलु में ` मिला आवश्यकतानुसार अरण्डी का तैल मिला कर एक दिन कूटकर 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना, सुखा कर रख लें।. : | वृ. नि. र.
मात्रा और अनुपान: 2-4 गोली सुबह-शाम गर्म जल या दूध के साथ दें।
गुण और उपयोग
- इसके सेवन से आमवात, वातव्याधि, पीठ, कमर, जांघ आदि में दर्द, बद्धकोष्ठता आदि रोग नष्ट हो जाते हैं।
- यह वातघ्न, दीपन-पाचन और मृदुरेचक है।
- आमानुबन्धिवात में इसके प्रयोग से कब्जियत दूर हो जाती है और पाचक रस की उत्पत्ति हो, आम-संचय नष्ट हो जाता है।
- रसायन एवं पुष्टिकारक होने से धातुओं की वृद्धि कर, शरीर को बलवान करता तथा इन्द्रियों को बढ़ता है।