Triphala Guggulu(त्रिफला गुग्गुलु)
त्रिफला गुग्गुलु:
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : त्रिफला चूर्ण ।2 तोला, पीपल का चूर्ण 4 तोला, शुद्ध गुग्गुलु 20 तोला, सब को एकत्र कूट कर घी के साथ 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना लें। . शा. सं,
मात्रा और अनुपान: 2-4 गोली सुबह-शाम त्रिफला क्वाथ या गो-मूत्र के साथ दें।
गुण और उपयोग:
- इसके सेवन से सब प्रकार के वातजशूल, भगन्दर, सूजन, बवासीर आदि रोग बहुत शीघ्र अच्छे हो जाते हें।
- भगन्दर और बवासीर में कब्जियत हो जाने से. तकलीफ अधिक होती है, किन्तु त्रिफला गुग्गुलु के सेवन से कब्ज नहीं होने पाता, बल्कि पुराना कब्ज भी दूर हो जाता हें। अतएव, यह विशेष लाभंदायक है। यह दवा थोड़ी रेचक होते हुए वायुशामक और रसायन है।
- बवासीर या भगन्दर वे दोनों रोग ऐसे कष्टदायक हैं कि रोगी बेचैन हो जाता है। यदि बादी बवासीर हुआ हो तो मस्से फूल जाते हैं। उनमें दर्द होने लगता, पेट में वायु भर जाती है, दस्त कब्ज हो जाता है, थोड़ा दस्त होता भी है, तो बहुत कठिनता से।
- यदि खूनी बवासीर हुआ तो इसमें से रकत निकलना प्रारम्भ हो जाता है।
- इसी तरह भगन्दर में दस्त-कब्ज होने से यह भी बढ़ जाता है, जिससे अत्याधिक दर्द तथा पूय-ख्राव होने लगता है। त्रिफला गुग्गुलु का इन रोगों में उपयोग -करने से बहुत शीघ्र एवं उत्तम लाभ होता है।