Bhringraj Tel

Bhringraj Tel

भृङ्गराज तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits): यह तैल नित्य सिर पर लगाने से सिर के बाल बढ़ते हैं तथा सिर का दर्द, बाल सफेद होना और गिरना ये रोग अच्छे होते हैं। बराबर इस तैल को सिर में लगाने से बाल न तो जल्दी पकते हैं और न झड़ते ही हैं। स्वस्थ स्त्री…

Mahavishgarbh Tel

Mahavishgarbh Tel

महाविषगर्भ तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits): इस तैल की मालिश से सन्धियों की सूजन  गृध्रसी सिर-दर्द समूचे शरीर में हड़फूटन होना कान में आवाज होना आधा शरीर सूख जाना आदि रोग नष्ट होते हैं। यह बहुत प्रसिद्ध तैल है। पुराने वात रोगों में इस तैल की मालिश से बहुत लाभ होता है। ज्यादा…

Brahmi Amla Tel

Brahmi Amla Tel

ब्राह्मी आँवला तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits): यह तैल ब्राह्मी और आंवला के क्वाथ द्वारा निर्माण किया गया है। अतः यह ब्राह्मी तैल की अपेक्षा अधिक सौम्य, शीतलता प्रदान करने वाला और अधिक गुणकारी है। इस तैल का नित्य व्यवहार करने से यह बालों को झड़ने और सफेद होने से रोकता है एवं…

Brahmi Tel

Brahmi Tel

ब्राह्मी तैल-औषधि-सिद्ध गुण और उपयोग (Uses and Benefits): यह तैल सौम्यगुणयुक्त, शीतलतादायक, बुद्धिवर्द्ध और केश (बाल) वर्द्धक है। सिर में इस तैल की मालिश करने से दिमागी कमजोंरी को नष्ट कर बुद्धि बढ़ाता है I नेत्रों की ज्योति बढ़ाने में उत्तम गुणकारी है। –आनुभविक प्रयोग मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि  ( Main Ingredients and Method of…

Chandanadi Tel

Chandanadi Tel

चन्दनादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : यह चन्दनादि तैल रक्त-पित्त, क्षय, ज्वर, पसीना की दुर्गन्ध, जीर्णज्वर, अपस्मार, उन्माद, सिर-दर्द, धातु की विकृति आदि रोगों को दूर कर शरीर की कान्ति बढ़ाता और दीर्घायु प्रदान करता है। यह तैल सौम्य (शीतल) गुण-प्रधान होने के कारण पित्त-विकारों में लाभदायक है। मुख्य सामग्री तथा बनाने…

Chandan Bala Lakshadi Tel

Chandan Bala Lakshadi Tel

चन्दन-बला-लाक्षादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : यह तेल खाँसी, श्वास, क्षय, छर्दि, रक्तप्रदर, रक्तपित्त, कफ रोग, दाह, कण्डू, विस्फोटक, शिरोरोग, नेत्रदाह, शरीर का दाह, सूजन, कामला, पाण्डु रोग और ज्वर का नाश करता है। इसके अतिरिक्त दाह, पाण्डु, छाती, कमर, हाथ-पाँव का जकड़ जाना, इनमें भी लाभदायक है। सूखी खुजली, चेचक, जोड़ों…

Anu Tel

Anu Tel

अणु-तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इन्द्रियं कों अपने वश में रखें, तो यह तैल तीनों दोषों (बढ़े हुए) को नष्ट करता है। इन्द्रियों की बलवृद्धि करता है। इस तैल का समुचित काल में विधिपूर्वक प्रयोग करने से मनुष्य उत्तम गुणों को प्राप्त करता है। मनुष्य को अणु तैल का नस्य प्रतिवर्ष जब…

Brahmi Ghrit

Brahmi Ghrit

ब्राह्मी घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इसके सेवन से अपस्मार, उन्माद, बोलने की कमजोरी अर्थात् साफ-साफ न बोलना अथवा कमजोरी से मिनमिना कर बोलना, देर से हकलाकर या जल्दी-जल्दी बोलना आदि, बुद्धि की निर्बलता, मनोदोष, स्मरण शक्ति (याददाश्त) की कमी, स्वरभंग (गला बैठ जाना), दिमाग की कमजोरी, वातरक्त तथा कुष्ठरोग दूर होते…

Mahachetas Ghrit

Mahachetas Ghrit

महाचैतस घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस धृत के सेवन से उन्माद और अपस्मार (मृगी) रोग नष्ट होते हैं। मस्तिष्क की दुर्बलता को भी यह नष्ट करता है। इसके अतिरिक्त गलदोष, प्रतिश्याय, तृतीयक एवं चातुर्थिक ज्वर, पापदोष, कुरूपता, ग्रह दोष, श्वास-कास आदि रोगों को नष्ट करता है। यह घृत शुक्र तथा आर्तव का…

Chetas Ghrit

Chetas Ghrit

चैतस घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस घृत का अधिकतर उपयोग मानसिक रोगों में किया जाता है। उन्माद रोग की प्रारम्भिक अवस्था में इसके उपयोग से बहुत लाभ होता है। इसी तरह हिस्टीरिया, मृगी (अपस्मार), मूर्च्छा, सन्यास आदि रोगों में भी इसके उपयोग से लाभ होता है। मात्रा और अनुपान  (Dose and Anupan) …

Kalyan Ghrit

Kalyan Ghrit

कल्याण चृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : यह घृत उन्माद, अपस्मार, हिस्टीरिया, भूतोन्माद, दिमाग की खराबी, दिमाग की’ कमजोरी, तुतलापन, अग्निमांद्य, पाण्डु, कन्डु, जहर, सूजन, प्रमेह, कास, श्वास, ज्वर, पारी का ज्वर, वातरोग, जुकाम, वीर्यं की कमी, बन्ध्यापन, बुद्धि की कमी, कमजोरी, मूत्रकृच्छू, विसर्प आदि रोगों का नाश करता है। दिमाग की कमजोरी या…

Ashavgandhadi Ghrit

Ashavgandhadi Ghrit

अशवगन्धादि घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस घृत के उपयोग से संमस्त प्रकार के वात रोग, सन्धि-शूल (जोड़ों का दर्द), कमर का दर्द, किसी भी अङ्ग में आई हुई अशक्तता, भ्रम (चक्कर आना), अनिद्रा आदि विकार नष्ट होते हैं। यह स्नायुमण्डल को अपूर्व शक्ति प्रदान करता है तथा रस-रक्तादि धातुओं को पुष्ट कर…