Brahmi Ghrit

Brahmi Ghrit

ब्राह्मी घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इसके सेवन से अपस्मार, उन्माद, बोलने की कमजोरी अर्थात् साफ-साफ न बोलना अथवा कमजोरी से मिनमिना कर बोलना, देर से हकलाकर या जल्दी-जल्दी बोलना आदि, बुद्धि की निर्बलता, मनोदोष, स्मरण शक्ति (याददाश्त) की कमी, स्वरभंग (गला बैठ जाना), दिमाग की कमजोरी, वातरक्त तथा कुष्ठरोग दूर होते…

Mahachetas Ghrit

Mahachetas Ghrit

महाचैतस घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस धृत के सेवन से उन्माद और अपस्मार (मृगी) रोग नष्ट होते हैं। मस्तिष्क की दुर्बलता को भी यह नष्ट करता है। इसके अतिरिक्त गलदोष, प्रतिश्याय, तृतीयक एवं चातुर्थिक ज्वर, पापदोष, कुरूपता, ग्रह दोष, श्वास-कास आदि रोगों को नष्ट करता है। यह घृत शुक्र तथा आर्तव का…

Kumarkalyan Ghrit

Kumarkalyan Ghrit

कुमारकल्याण घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस घृत के सेवन से बल, वर्ण, रुचि, जठराग्नि, मेधा और कान्ति बढ़ती है। दाँत आने के समय बालकों को इसके सेवन कराने से बिना उपद्रव के दाँत निकल आते हैं। बालशोष में 3 माशा इस घृत में 2 रत्ती गोदन्ती भस्म और 4 रत्ती सितोपलादि चूर्ण…

Dadim Avleh

Dadim Avleh

दाड़िमावलेह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इस अवलेह का प्रयोग करने से समस्त प्रकार के पित्त विकार, दाह, अम्लपित्त, क्षय, रक्तपित्त, प्यास, अतिसार, संग्रहणी, कमजोरी, नेत्ररोग, शिरोरोग, लू लगना, धातुस्राव, अरुचि आदि विकारों को नष्ट करता है । मस्तिष्क एवं हृदय को बल देता है। मात्रा और अनुपान  (Dose and Anupan)  :-  6 माशे…