Mahatriphaladi Ghrit

Mahatriphaladi Ghrit

महात्रिफलादि घृत गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इसके सेवन से रक्तदुष्टि, रक्तस्रांव, रतौंधी, तिमिर, आँखो में ज्यादा दर्द होना, आँखों से कम दिखाई पड़ना, शरीर की कमजोरी आदि नेत्ररोग दूर होते हैं। त्रिफला की महिमा आयुर्वेदशास्त्र में बहुत वर्णित है तथा इसके उपयोग से लाभ उठाने वाले भी बहुत देखे जाते हैं। यह…

Sundrikalp

Sundrikalp

सुन्दरीकल्प गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : मात्रा और अनुपान गुण और उपयोग स्त्री रोगनाशक, अनेक उत्तमोत्तम औषधियों के मिश्रण से निर्मित इस महौषधि के सेवन से खरियों को होने वाले समस्त प्रकार के रोग शीघ्र नष्ट होते हैं-तथा रक्तप्रदर, श्वेत प्रदर, कष्टार्तव, पाण्डु, गर्भाशय तथा योनिभ्रंश, डिम्बग्रन्थि-प्रदाह, हिस्टीरिया, बन्ध्यापन, ज्वर, रक्तपित्त, प्रमेह, मूत्रकृच्छ, मूत्राघात,…

Sarivadiasava

Sarivadiasava

सारिवाद्यासव गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : यह आसव 20 प्रकार के प्रमेह, पीड़िका, उपदंश और इसके उपद्रव, वातरक्त, भगन्दर, मूत्रकृच्छू, नाड़ीब्रण, पीब बहने वाले फोड़े-फुन्सियोँ आदि रोगों को नष्ट करता है। यह आसव रक्तशोधक, रक्तप्रसादक, मूत्रशोधक और पेशाब साफ लाने वाला है। अधिकतर प्रमेह रोग बहुत दिनों तक ध्यान में नहीं आता है। जब…

Lodharasava

Lodharasava

लोधासव गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : पेशाब की जलन, बार-बार या अधिक मात्रा में बूँद-बूँद पेशाब होना, मूत्राशय का दर्द, पेशाब की नली की सूजन, धातुख्राव होना–विशेष कर स्वप्नावस्था में, कफ, खाँसी, चक्कर आना, संग्रहणी, अरुचि, पाण्डु रोग आदि इसके सेवन से नष्ट होते हैं। यह आसव पाचक, रक्त को शुद्ध करने वाला तथा…

Chavyearist

Chavyearist

चव्यकारिष्ट गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस अरिष्ट के प्रयोग से समस्त प्रकार के गुल्म, 20 प्रकार के प्रमेह, जुकाम, क्षय, खांसी, अष्ठीला, वातरक्त, उदर विकार तथा अन्त्र-वृद्धि रोग नष्ट होते हैं। इसके अतिरिक्त यह कामला, यकृत्‌ विकार, आध्मान (अफरा), अण्डवृद्धि और अग्निमांद्य को भी नष्ट करता है। मात्रा और अनुपान  (Dose and Anupan) …

Medohar Vidangadi Loh

Medohar Vidangadi Loh

मेदोहर विडंगादि लौह गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- इस लौह का प्रयोग करने से समस्त प्रकार के मेदरोग नष्ट होते हैं। इसके अतिरिक्त सब प्रकार के प्रमेह रोगों को नष्ट करता है और उत्तम बल्य तथा कान्ति, आयु और बल की वृद्धि करता है। जठराग्नि को प्रदीप्त करता है एवं उत्तम बाजीकरण हैं।…