Vranrakshak Tel

Vranrakshak Tel

ब्रणराक्षस तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits): इस तैल की मालिश से समस्त प्रकार के चर्मरोग और प्रण नष्ट होते हैं। इसके अतिरिक्त नाड़ीब्रण {नासूर), विस्फोट, मांस-वृद्धि, विचर्चिका (एक्जिमा), दाद, अपची, ‘ कण्डू, मण्डलकुष्ठ और दुष्ट व्रण नष्ट हो जाते हैं! मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि  ( Main Ingredients and Method of Preparation): –  पारद, गन्धक,…

Nirgundi Tel

Nirgundi Tel

निर्गुण्डी तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits) यह तेल गण्डमाला अपची, नाड़ीब्रण (नासूर), दुष्टवर्ण, अदृष्ट्रवर्ण (Carbuncle) आदि रोगों में नस्य लेने एवं लगाने के काम में उपयोग किया जाता है। इसके प्रयोग से इन रोगों में बहुत उत्तम लाभ होता है। मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि  ( Main Ingredients and Method of Preparation): –  तिल तेल…

Kashisadi TEL

Kashisadi TEL

कासीसादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : आचार्य श्री खरनाथ जी ने अर्शाकुरों का नाश करने के लिए इस तैंल को श्रेष्ठ कहा है। इस तैल को अर्शाकुरों पर लगाने से समस्त प्रकार के अर्शरोग नष्ट होते हैं। इस तैल के क्षारत्व गुण के कारण इसके लगाने से बवासीर शीघ्र नष्ट हो जाती है।…

Jatiyadi Ghrit

Jatiyadi Ghrit

जात्यादि घृत ( मरहम ) गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : यह घृत नाड़ीव्रण (नासूर), पीड़ायुक्त व्रण और जिस व्रण से रक्त. निकलता रहता हो, उस व्रण को तथा मकड़ी के घाव, अग्नि से जलने तथा गहरे घाव भी ठीक करता है। इसको मरहम की भाँति लगाने से मर्मस्थानों के घाव, पीवयुक्त और अधिक फोड़ायुक्त…