Parmehmihir Tel

Parmehmihir Tel

प्रमेहमिहिर तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits):- इसकी मालिश से वात-विकार तथा वातज, पित्तज, कफज, सन्निपातज, मेदोगत और मांसगत ज्वर नष्ट होते हैं। यह शुक्रक्षय के कारण दुर्बल व्यक्तियों के लिये विशेष उपयोगी है। यह तैल दाह, पिपासा, पित्त, छर्दि (वमन), मुँह सूखना तथा 20 प्रकार के प्रमेह रोगों को नष्ट करता है यह…

Shrikhandasava

Shrikhandasava

श्रीखंडासव गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इसके सेवन से मद्यजनित रोग यथा–पानात्यय, पानविभ्रम, पानाजीर्ण आदि रोग दूर होते हैं। पैत्तिक (पित्तजन्य) रोगों में इसका विशेष उपयोग किया जाता है। रक्तपित्त, प्यास कीं अधिकता, बाह्यदाह और अन्तर्दाह, रक्तदोष, मूत्रकृच्छू, मूत्राघात, शुक्रदोष आदि विकारों में भी यह उत्तम लाभदायक है। मात्रा और अनुपान  (Dose and Anupan) …

Amritarist

Amritarist

अमृतारिष्ट गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  :- अमृतारिष्ट के सेवन करने से पुराना ज्वर आने से हुई निर्बलंता, विषम ज्वर (सतत, सन्तत, एक दिन, दो दिन, तीन दिन के बाद में आने वाला ज्वर), रस-रक्तादि धातुगत ज्वर, प्लीहा और यकृत्‌जन्य ज्वर, पाण्डु, कामला तथा बार-बार छूट कर होने वाले ञ्वर दूर होते हैं। अधिक…