Shothari Mandur

शोधारि मण्डूर
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- यकृत्-प्लीहा मल-संचय अथवा पाण्डु रोग आदि किसी भी कारण से शरीर सूज गया हो, साथ ही कफ, खाँसी ज्वरदिक उपद्रव भी रहते हों तो इसके उपयोग से बहुत शीघ्र फायदा होता है।
- इसमें मण्डूर भस्म प्रधान है तथा गोमूत्र का क्षार भी सम्मिश्रित है, अतः यह यकृत्-प्लीहा की विकृति को नष्ट करता हैं और शोथ को भी दूर करता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 3-2 गोली सुबह-शाम गोमूत्र या पुनर्नवा-रस या दशमूल क्वाथ से दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – मण्डूर भस्म 35 तोला को संभालू, मानकन्द और अदरक-रस की भावना देकर सुखा लें, फिर अठगुने गोमूत्र में मन्दाग्नि पर पकावें, जब गाढ़ा होने लगे, तब इसमें हरे, बहेड़ा, आँवला, सॉंठ, मिर्च, पीपल तथा चव्य का चूर्ण 2-2 तोला मिला दें। ठण्डा होने पर 10 तोला शहद मिला 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना लें या वैसे ही पीसकर चूर्ण रूप में ही रखें।—भै. र.