Punarnavadi Guggulu (पुनर्नवादि गुग्गुलु)
पुनर्नवादि गुग्गुलु:
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : पुनर्नवा-मूल 400 तोला, एरण्ड-मूल 400 तोला, सोंठ 64 तोला लेकर’ इनका जौकुट चूर्ण करके 25 सेर । छटाँक 3 तोला जल में क्वाथ करें। अष्टमांश जल शेष रहने पर, उतार कर छान लें। फिर इसमें शुद्ध गुग्गुलु 32 तोला, शुद्ध एरण्ड तैल 6 तोला मिलाकर तांबे की कलईदार या लोहे की कड़ाही में पाक करें। आसन्न पाक होने पर इसमें निशोथ 20 तोला, दन्तीमूल चूर्ण 4 तोला, गिलोय 8 तोला, हरड़, बहेड़ा, आँवला, सोंठ, मिर्च, पीपल, चित्रक-मूल छाल, सेंधा नमक, शुद्ध भिलावा, वायविडंग–प्रत्येक 2-2 तोला, स्वर्णमाक्षिक भस्म 7 तोला, पुनर्नवा-मूल 4 तोला लेकर इनका सूक्ष्म कपड़छन चूर्ण करके मिला कर’थोड़ा-थोड़ा एरण्ड तैल देकर अच्छी तरह कुटाई कर, 3-3 रत्ती की गोलियाँ बना, सुखा कर रखें। —भै. र.
मात्रा और अनुपान: 2-2 गोली, सुबह-शाम गरम जल या पुनर्नवादि क्वाथ के साथ दें।
गुण और उपयोग:
- इसका विधिवत् पथ्य पालनपूर्वक प्रयोग करने से कठिन-से-कठिन वात रक्त रोग नष्ट होता है और सभी प्रकार के वृद्धि रोग, गृघ्रसी, जंघा, ऊरुत्रिक और बस्ति प्रदेश में होने वाले शूल, भयंकर आमवात, शोथ, जलोदर आदि रोगों को नष्ट करता है।