Pardarnashak Churan

प्रदरनाशक चूर्ण
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : पुष्यानुग चूर्ण ५ तोला, खुनखराबा, आंवला, राल, अशोक की छाल, संगजराहत गेरूमिट्टी, नागकेशर-प्रत्येक समान भाग लेकर एकत्र मिला करके कूट-कपड़छन चूर्ण करें। पश्चात् पुष्यानुग चूर्ण और उपरोक्त द्रव्यों के चूर्ण को एकत्र मिला सुरक्षित रख लें।
मात्रा और अनुपान–१।।-३ माशे तक शहद के साथ चाटकर ऊपर से चावल भिगोकर बनाया गया जल पीवें।
गुण और उपयोग–
- यह चूर्ण सौम्य गुणयुक्त और उत्तम ग्राही है।
- इस चूर्ण के सेवन से समस्त प्रकार के प्रदर रोग शीघ्र नष्ट होते हैं।
- विशेषतः रक्त प्रदर में इसके सेवन ‘ से शीघ्र लाभ होता है।
- इसके अतिरिक्त योनिशूल, रक्तातिसार, रक्तार्श, कुमिरोग और आंव मिश्रित रक्तातिसार रोग शीघ्र नष्ट करता और गर्भाशय को पुष्ट एवं गर्भधारण योग्य बनाता है।