Narikel Khand Pak

नारिकेल खण्डपाक
इसके सेवन सें पुरुषत्व, निद्रा और बल की वृद्धि होती है तथा अम्लपित्त, परिणामशूल और क्षय का नाश होता है।
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- इसमें प्रधान द्रव्य नारियल है, जिससे शीतवीर्य, स्निग्ध और पौष्टिक होने के कारण इस पाक का प्रयोग पैत्तिक बीमारियों में तथा शुक्र-क्षयादि के कारण शरीरिक शक्ति का हास हो जाने से उत्पन्न हुई कमजोरी में सफलतांपूर्वक किया जाता है।
- पाचकपित्त की गड़बड़ी होने से अन्नादि पचने में बाधा हो, खट्टी डकारें आती हों, पेट में मीठा-मीठा दर्द होता रहता हो आदि
उपद्रव होने पर इस पाक का अवश्य उपयोग करें। - अम्लपित्त जैसे भयंकर रोगी के लिए तो यह पाक बहुत उत्तम है।
- इस पाक का सेवन सब ऋृतुओं में कर सकते हैं।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1 से 2 तोला सुबह-शाम दूध या जल के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – 32 तोला नारियल की गिरी (गोले) को पत्थर पर अत्यन्त महीन पीस लें या कदूकस से महीन घिस लें। इसे 8 तोला घी डालकर भून लें, फिर 28 तोला नारियल का पानी (अभाव में गो-दुग्ध) मिलावें और उसमें 32 तोला चीनी मिलाकर मन्दाग्नि पर पकावें। जब चाशनी गाढ़ी हो जाय, तो नीचे उतार कर रख लें और ठण्डा होने पर चिकने बरतन में भर कर रख दें। वृ. यो. त.