Gojihvadi Kashyam / Kwath
गोजिह्वादि क्वाथ
गुण और उपयोग (Uses and Benefits)
- प्रतिश्याय–जुकाम-सर्दी–कफ ज्वर में तथा उस खाँसी-श्वास में, जिसमें कफ गाढ़ा जमा हो और सरलता से न निकलता हो, इस क्वाथ के प्रयोग से बहुत लाभ होता है।
- केवल क्वाथ को या उसमें 5 रत्ती नौसादर, 5 रत्ती यवक्षार और द्राक्षारिष्ट 1-2 तोला मिलाकर उपयोग करें।
- कफज्वर में त्रिभुवनकीतिं, ज्वर-संहार आदि रोगों के अनुपान रूप में इसका अच्छा उपयोग होता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan)– 1 तोला चूर्ण लेकर 6 तोला जल में पका, 4 तोला जल बाकी रहने पर कपड़े से छान, उसमें 3 माशा मिश्री या मधु मिला कर दिन में 3-4 बार दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation) – गावजबां, मुलेठी, सौंफ, मुनक्का, अंजीर, उन्नाव, अडूसा, जूफा, लिसोड़ा (सुखा), खूबकला (खाकसीर), हंसराज, गुलवनप्सा, अलसी, खतमी की जड़ और भटकटैया प्रत्येक समान भाग तथा काली मिर्च आधा भाग लें। इनको जौकुट चूर्ण करके रख छोड़ें। –सि. यो. सं.