Gandhak Pisti Tel

गन्धकपिष्टी तैल
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :
- इस तेल के उपयोग से नयी-पुरानी खुजली, चाहे वह सूखी हो या गीली, कुछ दिनों तक धूप में बैठकर मालिश करने तथा बाद में नीम के साबुन लगा कर स्नान करने से चली जाती है।
- इसके साथ शुद्ध गन्धंक 2 रत्ती बराबर मिश्री मिलाकर घी के साथ दोनों समय लेते रहने से बहुत शीघ्र लाभ होता है।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – गन्धक को खरल में घोंटकर, पिष्टी बना, चौगुने कटु तेल में मिलाकर, सूर्य की प्रखर धूप में रख दें। जब वह तेल सूर्य की प्रखर गर्मी से तप्त हो जाये, तब शीतल होने पर उसको शीशी में भर लें।