Dhaniye Saptak Kwath
धान्यसप्तक क्वाथ
गुण और उपयोग (Uses and Benefits)
- यह क्वाथ अत्यन्त उत्तम दीपन-पाचन और ग्राही है।
- इसका उपयोग करने से समस्त प्रकार के कठिन अतिसार रोग शीघ्र नष्ट होते हैं और पित्तातिसार तथा रक्तातिसार रोग में भी उत्तम लाभप्रद है।
- आमातिसार में आम का पाचन कर शूल का शमन-करता एवं अतिसार को नष्ट करता है।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation) – धनिया, खस, बेलगिरी; नागरमोथा, सोंठ, सौंफ, कुड़े की छाल–प्रत्येक द्रव्य 3-3 माशे लेकर इनका जौकुट करें। पश्चात् इस चूर्ण को दो मात्रा में करके । माशा लेकर । पाव जल में पकावें, 5 तोला जल शेष रहने पर उतारं कर छान लें और 3 माशे मिश्री मिलाकर पिलावें। आवश्यकतुनसार दिन में 2-3 बार दें।