Dadimadi Vati(दाड्मिदि बटी)
दाड्मिदि बटी
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : अनारदाने का चूर्ण 8 तोला, गुड़ 32 तोला, सॉंठ, पीपल, मिर्च-प्रत्येक 5-5 तोला लेकर सब का चूर्ण बना, कपड़छन करके एकत्र घोट कर, चने के प्रमाण की गोलियाँ बना लें। वाग्भट
मात्रा और अनुपान : ।-4 गोली जल से या वैसे ही दिन भर मुख में रख कर चूसते रहें।
गुण और उपयोग :
- ये गोलियाँ रोचक, दीपक, स्वर को सुधारने वाली और पीनस, खाँसी तथा श्वासनाशक है।
- कभी-कभी कफ की वृद्धि या मल-संचय के कारण मुँह का स्वाद फीका हो जाता है, तथा | कफ की वृद्धि से मुँह में कफ लिपटा हुआ मालूम पड़ता है।
- अन्न में अरुचि, भूख न लगना,मन्दाग्नि, जी मिचलाना, देह में आलस्य बना रहना, निरुत्साह आदि लक्षण हो जाते हैं। ऐसी हालत में इस बटी से बहुत शीघ्र लाभ होता है, क्योंकि इसमें अनारदाना की मात्रा विशेष होने की वहज से यह पाचक, अग्निदीपक तथा अरुचिनाशक है।
- कितने ही आदमी इस गोली को शौक से भी लेते हैं। क्योंकि इसका जायका अच्छा होता है।
- अजीर्ण, पेट दर्द, भूख नहीं लगना आदि विकारों में भी इसका सेवन किया जाता है।