Chandanadi Tel

चन्दनादि तैल
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :
- यह चन्दनादि तैल रक्त-पित्त, क्षय, ज्वर, पसीना की दुर्गन्ध, जीर्णज्वर, अपस्मार, उन्माद, सिर-दर्द, धातु की विकृति आदि रोगों को दूर कर शरीर की कान्ति बढ़ाता और दीर्घायु प्रदान करता है।
- यह तैल सौम्य (शीतल) गुण-प्रधान होने के कारण पित्त-विकारों में लाभदायक है।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – तिल तैल सेर 9 छटाँक 3 तोला, कल्कद्रव्य-लाल चन्दन, सुगन्धबाला, नखी, कूठ, मुलेठी, छरीला, पद्माख, मंजीठ, सरल काष्ठ, देवदारु, कचूर, छोटी इलायची, पूति (मुश्तविलाव), नागकेशर, तेजपात, शिलारस, मुरामांसी, शीतलचीनी, प्रियंगु, मोथा, दोनों हल्दी, दोनों सारिवा, कुटकी, लौंग, अगर, केसर, दालचीनी, रेणुका, नलिका प्रत्येक आधाआधा तोला, दही का पानी 6 सेर 72 तोला, लाक्षारस 7 सेर 9 छटाँक 3 तोला, सबको तैलपाक-विधि से पकावें। भै. र.
वक्तव्य : द्रव पदार्थो का परिमाण द्रवद्वैगुण्य परिभाषा के अनुसार द्विगुण लिया गंया है।