Chandanadi Loh

चन्दनादि लौह
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- लौह भस्म का यह सौम्य योग है।
- बार-बार आने वाला पारी का ज्वर, विषमज्वर तथा जीर्णज्चर में इसका अच्छा असर होता है।
- यह पाचन विकार को ठीक करके बढ़ी हुई रक्त की गति को ठीक कर देता है।
- नेत्रदाह (आँखों में जलन), सिर में दर्द, प्रदाह और पित्तजन्य विकारों में यह सौम्य गुणयुक्त होने से बहुत कार्य करता है।
- यकृत् और प्लीहा-रोग में यह बहुत अच्छा काम करता है।
- यह जीर्ण-ज्वर की प्रसिद्ध दवा है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 4 रत्ती, सुबह-शाम गुडूची सत्त्व और मधु से ज्वर-रोग में, नेत्रों की जलन, सिर-दर्द और चक्कर आने में मिश्री तथा मक्खन के साथ दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – लाल चन्दन (सुगन्धवाला), पाठा, खस, पिप्पली, हरड़, सोंठ, कमल के फूल, आँवला, वायविडंग, नागरमोथा, चित्रकमूल–प्रत्येक दवा समान भाग लेकर, ‘कूट-कपड़छन कर महीन चूर्ण बनावें। इन चूर्णो के समभाग लौह भस्म मिला खरल कर रख लें। भै. र..