Grahnivihir Tel

Grahnivihir Tel

ग्रहणीमिहिर तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : यह सब प्रकार की ग्रहणी, अतिसार, ज्वर, तृष्णा, श्वास, हिक्का और उदर रोगों का नाश करता है। यह तेल रसायन हैं और अकाल में केश (बाल) पकने को रोकता है तथा देह की ढीली चमड़ी को सख्त करता है। इसे यथोचित अनुपान के साथ 3-6 माशे की…

Grabhvilas Tel

Grabhvilas Tel

गर्भविलास तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : गर्भावस्था में कभी-कभी गर्भिणी के पेट में दर्द होने लगता है। उस समय दर्द शान्त करने के लिये कोई दवा खिला नहीं सकते, ऐसी दशा में इस तेल की मालिश धीरे-धीरे पेट पर तथा पेट के चारों तरफ करने से दर्द बन्द हो जाता है। कभी-कभी…

Gandhak Pisti Tel

Gandhak Pisti Tel

गन्धकपिष्टी तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस तेल के उपयोग से नयी-पुरानी खुजली, चाहे वह सूखी हो या गीली, कुछ दिनों तक धूप में बैठकर मालिश करने तथा बाद में नीम के साबुन लगा कर स्नान करने से चली जाती है। इसके साथ शुद्ध गन्धंक 2 रत्ती बराबर मिश्री मिलाकर घी के साथ…

Khadiradi Tel

Khadiradi Tel

खदिरादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस तेल के प्रयोग से मुंह का पकना, मसूड़ों का पकना और मवाद (पीब) आना, दाँतों का सड़ना, दाँतों में छिद्र होना, दाँतों में कीड़े लगना, मुँह की दुर्गन्ध तथा जीभ, तालु और होठों के रोग नष्ट हो जाते हैं। मुखरोग मुँह में छाले हो जाने पर…

Kiratadi Tel

Kiratadi Tel

किरातादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस तैल की मालिश करने से सन्तत-सततादि ज्वर एवं धातुगत ज्वर तथा अथिमज्जागतज्वर नष्ट होते हैं। इसके अतिरिक्त कामला, ग्रहणी, अतिसार, हलीमक, प्लीहा, पाण्डु रोग और शोथ-इन रोगों को भी नष्ट करता है। मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि  ( Main Ingredients and Method of Preparation): –  मूर्वा, लाख,…

Kumbhi Tel

Kumbhi Tel

कुम्भी तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : कान के रोगों में इस तैल का व्यवहार किया जाता है। इससे कान का दर्द, कान का पकना, मवाद आना आदि रोग दूर हो जाते हैं। कान के अन्दर फोड़ा-फुन्सी हो जाने से वह पक कर बहने लगता है। यदि कहीं अधिक दिन तक मवाद बहता रहा,…

Kashisadi TEL

Kashisadi TEL

कासीसादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : आचार्य श्री खरनाथ जी ने अर्शाकुरों का नाश करने के लिए इस तैंल को श्रेष्ठ कहा है। इस तैल को अर्शाकुरों पर लगाने से समस्त प्रकार के अर्शरोग नष्ट होते हैं। इस तैल के क्षारत्व गुण के कारण इसके लगाने से बवासीर शीघ्र नष्ट हो जाती है।…

Irimedadi Tel

Irimedadi Tel

इरिमेदादि तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इस तैल के गण्डूष करने (कुल्ले करने) से मसूढ़ों (दन्तवेष्ट) की सड़न, पीब गिरना, दाँतों का हिलना, शीर्णदन्त, दन्त सौषिर, श्यावदन्त, दन्त प्रहर्ष, दन्तविद्रधि, कृमिदन्त, (दाँतों . में कीड़ा लगना), दाँतों का कड़कना, मुखदुर्गन्धि, जीभ की पीड़ा, तालु की पीड़ा, ओष्ठ ग्रन्थि तथा अन्य समस्त प्रकार के…

Anu Tel

Anu Tel

अणु-तैल गुण और उपयोग (Uses and Benefits)  : इन्द्रियं कों अपने वश में रखें, तो यह तैल तीनों दोषों (बढ़े हुए) को नष्ट करता है। इन्द्रियों की बलवृद्धि करता है। इस तैल का समुचित काल में विधिपूर्वक प्रयोग करने से मनुष्य उत्तम गुणों को प्राप्त करता है। मनुष्य को अणु तैल का नस्य प्रतिवर्ष जब…