Bilva Tel

बिल्व तैल
गुण और उपयोग (Uses and Benefits):
- इस तैल को कान में डालने से समस्त प्रकार के कर्ण रोग शीघ्र नष्ट होते हैं।
- इसके अतिरिक्त कान में दर्द होना, कान में सायँ-सायँ शब्द होना एवं बहरापन आदि कान के विकार नष्ट होते हैं।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – मूर्च्छित कडुवा तेल 128 तोला, बकरी का दूध 6 सेर 32 तोला, बेलगिरी 32 तोला लें। बेलगिरी को गोमूत्र में पीसकर कल्क बना, आवश्यकतानुसार जल मिलाकर तेल पाकविधि से तैल सिद्ध करें। तैल सिद्ध हो जाने पर, उतार कर छान लें। . –भै. र.
वक्तव्य : इस तैल में तैल से चौगुना बकरी का दूध है। अनुभव से देखा गया है कि इतने अधिक परिमाण में दूध के साथ पकाने पर तैल गाढ़ा हो जाता है और पाक ठीक नहीं हो पाता। अतः तैल दुगुने के साथ पाक करने से उत्तम बनता है।