Bhringraj Tel

भृङ्गराज तैल
गुण और उपयोग (Uses and Benefits):
- यह तैल नित्य सिर पर लगाने से सिर के बाल बढ़ते हैं तथा सिर का दर्द, बाल सफेद होना और गिरना ये रोग अच्छे होते हैं।
- बराबर इस तैल को सिर में लगाने से बाल न तो जल्दी पकते हैं और न झड़ते ही हैं।
- स्वस्थ स्त्री -पुरुषों को नित्य सिर में लगाने के लिए यह तैल उत्तम है।
- इससे मस्तिष्क की कमजोरी नष्ट होती है और स्मरणशक्ति बढ़ती है।
- मस्तिष्क की खुश्की दूर कर उसको ठण्डा रखता है।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – भाँगरे का स्वरस 256 तोला, ब्राह्मी-स्वरस 64 तोला, आँवले का रस 64 तोला, तिल का तेल 728 तोला, हरड़, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, कचूर, लोध, मंजीठ, बावची , बरियारा के मूल, चन्दन, पद्माख, अनन्तमूल, मण्डूर, मेंहदी, प्रियंगु, मुलेठी, जटामांसी और कूठ प्रत्येक 1- 1 तोला, इनका कल्क मिलाकर सब को तैलपाक-विधि से पकावें। जब तैल सिद्ध हो जाय तब कपड़े से छान कर, शीशी में भर लें। –सि. यो. सं.