Arjunarist

अर्जुनारिष्ट
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- शरीर में वायु अधिक हो जाने के कारण हृदय धड़कता है और शरीर में पसीना आने लगता है, मुंह सूख जाता है, नींद कम आती है, बेचैनी रहती है, शरीर में रक्तसंचार ठीक से नहीं होता, मन घबड़ाता है और रोगी को मूृत्यु-भय सताने लगता है।
- ऐसी स्थिति में वैद्यनाथ अर्जुनारिष्ट का व्यवहार बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है।
- रोगी शीघ्र अपने को आरोग्य समझता है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 1 तोला से 2 तोला बराबर जल मिला, भोजन के बाद दोनों समय दें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): –
क्वाथ द्रव्य : अर्जुन छाल 6000 ग्राम के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और मुनक्का 3000 ग्राम, मधुप पुष्प 2200 ग्राम और जल 6440 मि. लि. में डालकर पकावें, जल 15360 मि. लि. शेष रहने पर उतार कर छान लें। प्रक्षेप द्रव्य.इस क्वाथ में धाय फूल 200 ग्राम और गुड़ 6000 ग्राम डाल दें।
सन्धान: इसे चिकने पात्र में डालकर सन्धान कर दें। एक माह बाद छानकर काम में लावें।