Parvahikahar Churan

प्रवाहिकाहर चूर्ण
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि : पोस्त के दाने, मोचरस, राल, बड़ीमाई तुरंजवीन, धाय के फूल–प्रत्येक १-१ तोला और रूमीमस्तंगी २ तोला लें। पहले मोचरस और पोस्त के.दाने तवे पर डाल कर भन लें बाद में सब चीजों को कट-कपड़छन चर्ण बना कर रख लें।
मात्रा और अनुपान–६ माशे से ९ माशे तक सुबह-शाम छाछ के साथ दें।
गुण और उपयोग–
- अतिसार, रक्तातिसार, संग्रहणी, प्रवाहिका और पुराने अतिसार में यह अपना प्रभाव शीघ्र दिखाता है।