Khamire Gaozeban

खमीरे गावजवान ( अम्बरी )
गुण और उपयोग (Uses and Benefits) :-
- यह खमीरा हृदय, मस्तिष्क और पाचकसंस्थान को बल देता है।
- मस्तिष्क और हृदय अपना कार्य व्यवस्थित रूप से नहीं करते हैं, उस स्थिति में इसके सेवन से अच्छा लाभ होता है।
- यह औषध प्रायः सभी प्रकृतिवालों के लिये अनुकूल रहती है।
- हृदय रोगों के लिए तो यह उत्कृष्ट दवा है ही, नेत्र दृष्टि और स्मरण शक्ति को भी बढ़ाती है।
मात्रा और अनुपान (Dose and Anupan) :- 3-6 माशे तक आवश्यकतानुसार दिन में 2-3 बार दें, अनुपान में गो-दुग्ध पिलावें।
मुख्य सामग्री तथा बनाने विधि ( Main Ingredients and Method of Preparation): – गुलाब के फूल, श्वेत चन्दन, बालछड़ (जटामांसी), उस्तखुदूस, आबरेशम, नीलोफर, छरीला–प्रत्येक – तोला, बादरंजबूया 1 तोला, गावजवान के फूल 8 तोला-इन सबको 40 तोला गुलाब के अर्क में रात में भिंगो दें और प्रातः मन्द आँच पर पकावें। जब एक तृतीयांश द्रव शेष रहे तब नीचे उतार शीतल होने पर हाथ से मसल कर कपड़े से छानलें। पश्चात् उसमें चीनी 40 तोला डालकर मन्द अग्नि पर अवलेह जैसा पकावें। जब अवलेह शीतल हो जाय तब उसमें कपूर 7 माशा, अम्बर 7 माशा और केशर 3 माशे अर्क गुलाब में पीस कर अच्छी तरह मिला दें और लकड़ी के घॉटने से इतना घोंटें कि चाशनी सफेदमायल (शवेताभ) हो जाय। पश्चात् काँच की बरनी में भर कर सुरक्षित रख लें।
—सि. यो. सं.